नयी दिल्ली. पाँच सितारा होटल के बाहर पिंक पैंट पहनकर बन्दूक लहराने वाले केस में दिल्ली की तीसहज़ारी कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने आरोपी युवक को सरेआम धमकाने और बंदूक दिखाने के जुर्म में पंद्रह दिन, और गुलाबी रंग की पैंट पहनने के जुर्म में पूरे छः साल की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले का देशवासियों ने स्वागत किया है।

फ़ैसले को विस्तार से समझने के लिए हमने मशहूर वक़ील कपिल सीक्वल से बात की। उन्होंने जज साहब का फ़ैसला हिंदी में समझाते हुए बताया कि, “जज से लेकर वक़ील तक, आरोपी युवक द्वारा पिंक पैंट पहने जाने पर खासे नाराज थे! जज साहब ने तो यहाँ तक कह दिया था कि अगर ये बंदा तीन-चार राउंड गोली भी चला देता तो मैं इसे माफ़ कर देता, लेकिन पिंक पैंट बर्दाश्त नहीं कर सकता!”
“कौन पहनता है ऐसे कपड़े? ऐसी वाहियात हरकत की सज़ा तो देनी ही पड़ेगी! अच्छा हुआ जो इसने गुलाबी क़मीज़ नहीं पहन रक्खी थी, वरना इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ़ दी रेयर’ केस मानकर मैं इसे काला पानी की सजा दे देता! जज साहब इतने ग़ुस्से में थे कि उन्होंने आशीष को भरी अदालत में चप्पल फेंक कर मार दिया!” -कपिल सीक्वल ने आगे बताया।
वकील से बात करने के बाद हमने मुजरिम आशीष पांडे से भी बात की, उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा, “मैं पहले दिन से कह रहा हूँ कि मेरा पक्ष भी एक बार सुन लो! सब एक ही पक्ष की बात सुन रहे हैं, मेरी तरफ़ कोई नहीं देख रहा, लगता है उसकी वजह मेरी गुलाबी पैंट ही है! लेकिन मैं ये बता देना चाहता हूँ कि उस दिन मेरे सारे पैंट धुलने के लिए गए हुए थे, मज़बूरी में मुझे वहीँ पैंट पहनना पड़ा! मैंने सोचा कि धमकी देने ही तो जाना है, कौन सी पार्टी में जा रहा हूँ, इसलिए मैंने पहन ली, मुझे क्या पता था कि लेने के देने पड़ जाएँगे!”
“लोगों ने मेरी पैंट का बहुत मज़ाक़ उड़ाया है, अब मैंने क़सम खाई है कि ना अब किसी से उलझूँगा और उलझा तो उस दिन गुलाबी पैंट तो बिल्कुल ही नहीं पहनूँगा!” -आशीष ने मासूम सा चेहरा बनाते हुए कहा।
खैर, आशीष अभी सात दिन की पेरोल पर बाहर है, उसके बाद ही वो पुलिस के सामने सरेंडर करेगा और बारी-बारी पंद्रह दिन और छः साल की सजा काटेगा।